धमतरी की पहचान एक जमाने में संस्कारधानी शब्द से होती थी.लेकिन बीते कुछ सालों में धमतरी धीरे-धीरे देह व्यापार का हब बन गया है. यहां न केवल धमतरी के बिगड़े रईसज़ादे बल्कि जिले और जिले के बाहर के भी गरम गोश्त के प्रेमी आकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.पहले धमतरी के कुछ चिन्हित स्थान पर देह व्यापार का यह अनैतिक धंधा चल करता था,लेकिन इंटरनेट क्रांति ने धमतरी से बाहर दूसरे जिलों तक इस धंधे की पहुंच बना दी है. कुछ जानकारों का कहना है कि एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर इस तरह का धंधा चलाया जा रहा है. इसके अलावा मेड सर्विस एप्लीकेशंस व व्हाट्सप्प के जरिए भी यह धंधा चल रहा है.
जानकार बताते हैं कि ऐसी साइट्स या व्हाट्सएप नंबर पर केवल हाई लिखकर भेज देने से ही संबंधित दलाल अपने ग्राहक से व्हाट्सएप पर संपर्क कर लेते हैं,और लड़कियों की अश्लील फोटो में उपलब्ध हो जाती है. जिसमेँ से यह लड़कियों का चयन करते हैं और निर्दिष्ट जगह पर या तो वह लड़की पहुंचा दी जाती है या ग्राहक को बुला लिया जाता है.
लोगों का कहना है कि यह धंधा इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है कि इसमें पुलिस की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता. बहरहाल इस आरोप के पीछे कितनी सच्चाई है यह अपने आप में एक शोध का विषय है,लेकिन यह बात तय है कि धमतरी का सांस्कृतिक पर्यावरण बेहद प्रदूषित हो चुका है और ईजी मनी की चाह में लड़कियां वेश्यावृत्ति की दलदल में धसती जा रही है. स्थानीय युवतियों के अलावा धमतरी में आसपास के जिलों व प्रदेशों से भी लड़कियां व्हाट्सएप और फेसबुक आदि के जरिए यहां बुलवाई जा रही हैं. धमतरी की कुछ पोश कालोनियां वेश्यावृत्ति के अड्डों में तब्दील हो रही है यह लड़कियां इन्हीं पोश कॉलोनियों में बुलवाई जाती हैं. जहां गरम गोश्त के आशिक अपनी हवस मिटाते हैं.
ऐसे मामलों में पुलिस की कार्रवाई केवल तभी होती है जब किसी के द्वारा शिकायत की जाती है अन्यथा पुलिस ने आज तक खुद होकर इस तरह की गतिविधियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है.शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने पुलिस प्रशासन से धमतरी के नैतिक पतन को रोकने वेश्यावृत्ति पर रोक लगाने की मांग की है.