प्रदेश का सबसे बड़ा बांध गंगरेल बांध जिसे पं रविशंकर शुक्ल जलाशय परियोजना के नाम से भी जाना जाता है वह इस ग्रीष्म ऋतु में सूखने की कगार पर पहुंच चुका था जिसके कारण सभी के चेहरे पर चिंताएं दिख रही थी लेकिन अंततः इंद्रदेव की मेहरबानी से पिछले 3 दिनों से क्षेत्र में झमाझम बारिश से गंगरेल बांध जिसमें केवल 6 टीएमसी पानी शेंष बचा था अब कैचमेंट एरिया से पानी की आवक लगातार होने से तीन दिनों में ही 4 टीएमसी पानी गंगरेल बांध में पहुंच चुका है वर्तमान स्थिति की बात करें तो कैचमेंट एरिया से लगभग 14166 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है लगातार हो रही बारिश से ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि पानी की आवक और बढ़ेगी और वह गंगरेल बांध जिसका गला सूखने की कगार पर था पूर्णतया जलधारण क्षमता के पास पहुंच जाएगा एवं एकबार फिर गंगरेल बांध सभी की प्यास बुझाने एवं आवश्यक कार्यों के लिए जल की उपलब्धता कराने में समर्थ हो जाएगा।
इस संबंध में कार्यपालन अभियंता आशुतोष सारस्वत से दूरभाष पर चर्चा के दौरान उन्होने बताया कि गंगरेल बांध 9.3 टीएमसी पानी भर चुका है आवक 14166 क्यूसेक की हो रही है कैचमेंट एरिया में हो रही लगातार बारिश से पानी की आवक लगभग 20000 क्यूसेक से अधिक होने की संभावना है वहीं जिले के सभी महत्वपूर्ण बांधों में भी जमकर पानी की आवक जारी है जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुरूमसिल्ली,सोंढूर व दुधावा में उपरी क्षेत्रों में बारिश होने से तीनों ही बांधों में अच्छी आवक लगातार जारी है एवं मौसम विभाग की माने तो आगामी 2 से 3 दिनों तक बारिश की गातिधियां जिले में जारी रहेंगी